Monday, July 14, 2025
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Dev Uthani Ekadashi: भगवान विष्णु जी को इन कार्यों से करें प्रसन्न, होगा बढ़ा फायदा

Dev Uthani Ekadashi: भगवान विष्णु जी को इन कार्यों से करें प्रसन्न, होगा बढ़ा फायदा

Dev Uthani Ekadashi: देव उठनी एकादशी, जिसे देवोत्थान एकादशी भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन भगवान विष्णु और हमारे संसार के सांसारिक मुद्दे चार महीने की योग निद्रा से बाहर आते हैं और हमारे जीवन में अप्रत्याशित राहगीरी करने के लिए पुन: आते हैं। इसलिए इस दिन का समय बहुत ही शुभ माना गया है, क्योंकि तब सभी मांगलिक कार्य इसी दिन से होते हैं।

देव उठनी एकादशी 2024 की तिथि और समय

इस वर्ष देव उठनी एकादशी 12 november 2024 पर मनाई जाएगी। इस दिन विशेष पूजा और व्रत का आयोजन किया जाता है। पूजा का शुभ मुहूर्त, एकादशी तिथि के आरंभ और एकादशी का अंत कितने वक्त है वह जानना बहुत ही महत्व्पूर्ण है।

Dev Uthani Ekadashi
Dev Uthani Ekadashi

देव उठनी एकादशी के दिन क्या करें

भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना: रोजान की भाँति इस दिन विष्णुजी की स्किंद्रिय बिसर्जन आदि व जल आर्चना कर उनकी पूजा करें। उनके उजीर नामों का जप करें और उदाहरणार्थ ‘’ॐ नमो भगवते वासुदेवाय‘‘ मंत्र का जप करें।

तुलसी विवाह: तुलसी और शालिग्राम जी का विवाह करवाना महान फलदायी माना गया है। इसलिए इस दिन यह कार्य अव्श्य करना चाहिए।

व्रत रखना: कहा जाता है कि कोई भी व्यक्ति इसे एकादशी का व्रत रखके पारण करने के समान हो जाता है और भगवान भी उसे मोक्ष देते हैं।

दान-पुण्य: इस दिन दान-पुण्य का महत्व है। गरीबों को धान वस्त्र और भोज्य पोष्ण्य आदि का दान करना़ महान पुण्यका कार्य है।

एकादशी व्रत का देव उठनी एकादशी के कारण मानसिक शांति, सकारात्मक ऊर्जा और आत्मविश्वास प्राप्त होता है। इस सभी कष्टों को दूर करने वाले व्रत का पुण्य का भंडार होता है और एकादशी मात्र से जीवन में अनेक समस्याएं कम होने लगती हैं। मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति को विष्णु लोक की प्राप्ति होती है।

Dev Uthani Ekadashi
Dev Uthani Ekadashi

पूजन विधि (Dev Uthani Ekadashi)

प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए।

विष्णु भगवान की प्रतिमा को पंचामृत से स्नान कराना चाहिए। इसके बाद कंठ में वृंदावनी माला पहननी चाहिए।

भगवान विष्णु की आरती करनी चाहिए। इसके बाद तुलसी पत्र चढ़ाना चाहिए।

इसके बाद ‘ ओम् नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का 108 जप करना चाहिए।

रात्रि का समय जागरण करते हुए विष्णुसाहरनाम का पाठ करना चाहिए।

उपरोक्त कारण से देव उठनी एकादशी केवल धार्मिक दृष्टि से नहीं बल्कि जीवन में सकारात्मकता लाने के लिए भी महत्वपूर्ण है। इस व्रत का महत्वपूर्ण का परिणाम है कि ये पूजा और व्रत व्यक्ति के जीवन में सौभाग्य और मोक्ष देने वाला होता है। इस पावन पर्व पर यथाशक्ति श्रद्धा रखकर भगवान विष्णु की पूजना चाहिए।

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